Himachal Pradesh GK - History
नमस्कार दोस्तो आज के पोस्ट में हम जानेंगे हिमाचल प्रदेश के इतिहास (Himachal Pradesh History GK ) के बारे में ।
यहां पर हम बिल्कुल शुरू से detailed जानकारी प्राप्त करेंगे ।
जो कि आपको किसी भी Competitive exam जैसे HAS , PATWARI , POLICE , Forest guard , इत्यादि प्रतियोगी परीक्षा में काम आएंगे ।
तो चलिए शुरू करते हैं ।
HP History GK in Hindi
15 August 1947 को भारत देश आजाद हुआ । आजादी मिलने के पश्चात देश के रियासतों के राजा अपने स्त्ता की भाग ढोर सरकार के हाथो में सौंपने से संकोच कर रहे थे ।
लेकिन हिमाचल कि पहाड़ी रियासत ठियोग ने आजादी के 2 दिन बाद यानि 17 अगस्त 1947 को ही अपने राज्य में लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया ।
ठियोग रियासत भारतीय संघ में मिलने वाली प्रथम हिमाचली रियासत बनी ।
हिमाचल प्रदेश से पाए जाने वाले पुराने सिक्को को चंबा जिले के भुरी सिंह संग्रहालय तथा शिमला के राज्य संग्रहालय में रखा गया है ।
वैदिक काल - हिमाचल Gk
आर्य जब भारत आए , उनके भारत आने के पश्चात वेदों की रचना की गई । तथा उस काल को वैदिक काल कहा गया ।ऋग्वेद जो कि सबसे पुराना वेद हैं । उसके अनुसार हिमाचल प्रदेश के मूल निवासियों को दास , दस्यु , निषाद , नाग , किन्नर , यक्ष ,इत्यादि नामो से जाता हैं ।
हिमाचल का प्रमुख शासक शांबर था । कुछ इतिहासकारों ने हिमाचल के राजा शांभर को जालंधर देत्य भी बताया है ।
आर्यों का राजा का नाम दिवोदास था । दीवोदास ने हिमाचल के राजा शांभर से 40 वर्षों तक युद्ध किया था । लेकिन अंत में , उदब्रज नामक स्थान पर आर्यों के राजा दिवोदास ने शाम्भर का वध कर दिया ।
दिवोदास के पश्चात हिमाचल पर सहत्रार्जुन ने आक्रमण किया । सहत्रार्जुन ने परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि की गाय छीन ली । जिसके बदले में परशुराम ने उसका वध कर दिया तथा साथ में सभी क्षत्रिय की वध करने की भी प्रतिज्ञा की ।
परशुराम के डर से सभी क्षत्रिय वहां से भाग कर ऊपरी भू भागो कि तरफ चले गए । तथा वहां बसने लगे ।
महाभारत काल - हिमाचल History Gk Notes
हिमाचल प्रदेश की सबसे पुरानी रियासत का नाम त्रिगर्त हैं । वहां के राजा सुशर्मा ने महाभारत काल में कोरवो की सहायता की थी ।
पांडवो ने अपना आज्ञात वास का समय भी हिमाचल में व्यतीत किया था । कुल्लू की राक्षसी देवी हिंडिंबा से कुंती पुत्र भीम का विवाह हुआ था ।
रामायण काल - हिमाचल का इतिहास
रामायण काल में पवन पुत्र श्री हनुमान भगवान संजीवनी बूटी लेने हिमाचल आए थे । उन्हें Sirmour जिले के चुड़धार पर्वत पर संजीवनी बूटी की खोज की थी ।
इस समय भी चुड़धार पर्वत पर अनेक किस्म की जड़ी - बूटियां पाई जाती हैं ।
चुड़धार भगवान शिरगूल के मंदिर के लिए प्रसिद्ध हैं । तथा हर वर्ष यहां लाखो लोग यात्रा करने के लिए आते हैं । चुड़धार सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी हैं ।
त्रिगर्त - हिमाचल की सबसे पुरानी रियासत
हिमाचल के इतिहास की बात करे तो उसमे त्रिगर्त का नाम जरूर आता है । त्रिगर्त हिमाचल की प्राचीनतम रियासत है। ये रियासत सतलुज और रावी नदी के बीच में स्तिथ थी । इस रियासत कि स्थापना सुशर्मा चन्द्र द्वारा कि गई थी ।
सिरमौर रियासत का इतिहास
'तारीख- ए-रियासत सिरमौर ' रंजौर सिंह के द्वारा लिखी हुई एक पुस्तक हैं । उस पुस्तक के अनुसार सिरमौर का प्राचीन नाम सुलेकिना था । इसकी स्थापना 1139 ई में राजा रसालू ने कि थी ।
जबकि ' गजेटर ऑफ सिरमौर' नामक पुस्तक के अनुसार सिरमौर रियासत की स्थापना 1195 में शुभम प्रकाश ने कि थी । शुभम प्रकाश ने राजबन को अपनी राजधानी बनाया था ।
1217 में राजा उदित प्रकाश के द्वारा सिरमौर रियासत की राजधानी को बदला गया ।
उदित प्रकाश ने राजधानी को राजबन से बदल कर कालसी कर दिया । कालसी इस समय उत्तराखंड में स्तिथ हैं ।
1621 ई में सिरमौर की राजधानी को राजा कर्म प्रकाश के द्वारा नाहन को बनाया गया ।
हिमाचल का इतिहास - जन आंदोलन
- 1857 का स्वतंत्रा संग्राम
- 1920 का दशक
- प्रजा मंडल
- धामी गोली कांड
- झूगा आंदोलन
- पाझोता आंदोलन
1857 का स्वतंत्रता संग्राम
1857 के स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारियां हिमाचल में भी उठने लगी ।
शिमला में नसिरी बटालियन के सैनिकों ने विद्रोह आरम्भ किया । सैनिकों ने कसौली जो कि सोलन जिले का हिस्सा हैं वहां पड़े खजाने को लूट लिया ।
क्रांति कारी सैना का नेतृत्व सूबेदार भीम सिंह के द्वारा किया जा रहा था । अंग्रेजो ने सूबेदार भीम सिंह को कैद कर लिया । तथा उसे फांसी की सजा सुनाई गई । लेकिन सूबेदार भीम सिंह जेल से भाग निकले तथा उन्होंने बुशहर के राजा शमशेर सिंह जी के यहां शरण ले ली ।
1920 का दशक
1920 में बहुत से राष्ट्रीय नेता शिमला आएं । महात्मा गांधी भी पहली दफा 1921 में हिमाचल की राजधानी शिमला आए ।
प्रजा मंडल
1930 से 1940 के दशक में हिमाचल में अनेक प्रजामण्डलों का गठन किया गया । नीचे कुछ प्रजामण्डलों के नाम तथा उनके सामने उनके गठन की तिथि दी गई है ।
- हिमालयन रियासती प्रजामण्डल - 1938
- चंबा सेवक संघ - 1936
- बिलासपुर राज्य प्रजमंडल - 1945
- बुशहर प्रजा मंडल - 1947
- सिरमौर प्रजामण्डल - 1939
धामी गोली कांड
धामी गोली कांड 16 जुलाई 1939 को हुआ था । राणा ने हलोग चौक के पास इकट्ठे लोगो पर गोलियां चलाई जिसमें 2 लोग मारे गए और बहुत से लोग घायल हो गए थे ।
झुग्गा आंदोलन - हिमाचल प्रदेश सामान्य ज्ञान
झूग्गा आंदोलन 1833 से लेकर 1888 तक विलासपुर के राजा अमरचंद के खिलाफ हुआ ।
राजा के अत्याचारों से परेशान होकर , उसका विरोध करने के लिए लोग झुग्गियों में रहने लगे । तथा झुग्गियों के उपर अपने इष्ट देव के झंडे लगा दिए ।
इससे पहले राजा अमरचंद उन्हें गिर्फदार करता , उन्होंने अपने झुग्गियों में आग लगा कर अपनी जान दे दी ।
इस घटना के पश्चात जनता भड़क गई । जिसके परिणाम स्वरूप राजा ने बेगार प्रथा समाप्त कर दी ।
पझोता आंदोलन
पझोता आंदोलन सिरमौर जिले में हुआ था । यह आंदोलन राजा के तानाशाही के विरोध में हुआ । सूरत सिंह , मिया चूंचू बस्ती राम पहाड़ी , तथा चैत राम इस आंदोलन के मुख्य नेता थे ।
हिमाचल प्रदेश का जन्म - हिमाचल प्रदेश GK
15 April 1948 को लंबी राजनैतिक लड़ाई के बाद 4 पंजाबी रियासत तथा 26 शिमला हिल स्टेटस की रियासतो को मिला कर हिमाचल का निर्माण किया गया । जब हिमाचल का गठन हुआ उस समय हिमाचल प्रदेश में मात्र 4 जिले थे । जिनके नाम नीचे दिए गए हैं ।
- चंबा
- सिरमौर
- महासू
- मंडी
तहसील तथा 2 उप तहसील थी ।
आप हिमाचल के नामकरण की कहानी यहां पढ़ सकते है
हिमाचल ग श्रेणी का राज्य बना
1951 में हिमाचल को ग श्रेणी का राज्य बनाया गया । Major General हिम्मत सिंह हिमाचल के पहले उपराज्यपाल बने ।
1952 में हिमाचल में विधानसभा के 36 सीटों के लिए चुनाव हुए । Dr. यशवंत सिंह परमार ( कांग्रेस ) हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने ।
बिलासपुर हिमाचल का 5वा जिला बना
1 जुलाई 1954 को ग श्रेणी के राज्य बिलासपुर का विलय ग श्रेणी के राज्य हिमाचल के साथ किया गया ।
बिलासपुर प्रदेश का 5वा जिला बना ।
किन्नौर - हिमाचल का 6 ठा जिला
1 मई 1960 को महासु जिले की चीनी तहसील को अलग किया गया । उस चीनी तहसील को किन्नौर का नाम दिया गया ।
विशाल हिमाचल प्रदेश
1 नवंबर 1966 को पंजाब राज्य का पुनर्गठन हुआ । पुनर्गठन के बाद पंजाब के क्षेत्र जैसे उना नालागढ़ आदि को हिमाचल में मिलाया गया ।
जिस के कारण हिमाचल प्रदेश में जिले की संख्या 6 से बड़ कर 10 हो गई ।
पूर्ण राज्य की प्राप्ति ।
हिमाचल को 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया । इसकी घोषणा भारत कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शिमला के रिज मैदान में की ।
हिमाचल भारत का 18 वा पूर्ण राज्य बना ।
1972 में जिलों का पुनर्गठन
1972 में जिलों का पुनर्गठन किया गया । जिसके कारण आज हिमाचल में 12 जिले हैं ।
- सिरमौर
- सोलन
- शिमला
- कुल्लू
- किनौर
- कांगड़ा
- चंबा
- मंडी
- बिलासपुर
- हमीरपुर
- उना
- लाहौल स्पीति
Conclusion
आज के पोस्ट में हमने हिमाचल प्रदेश के इतिहास सामान्य ज्ञान देखा ।
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